Browsing Category
अध्यात्म
संसार में रहते हुए भी ईश्वर के साथ एकात्मता : लाहिड़ी महाशय का प्रेरणास्पद जीवन
“बनत बनत बन जाए” — एक एक कदम चलते हुए, लक्ष्य को पाना।
लाहिड़ी महाशय ने इन सरल, किन्तु गहन शब्दों से साधकों को सदा ही प्रोत्साहित किया कि वे पूर्ण रूप से वर्तमान में जीएँ, अपने सम्मुख उपस्थित क्षण को अपना सर्वस्व दें, और विश्वास दिलाया कि…
Read More...
Read More...
हिमालयातून आपल्या घरांपर्यंत : लाहिरी महाशयांची क्रियायोगाची देणगी
“बनत, बनत, बन जाए” — पायरी पायरीने ध्येय गाठले जाते.
या साध्या पण अत्यंत गहन शब्दांत लाहिरी महाशयांनी साधकांना प्रेरणा दिली की वर्तमान क्षणात संपूर्णपणे जगावे; समोर असलेल्या क्षणाला आपले सर्वोत्तम दिल्याने भविष्यातील प्रवास दैवी क्रमाने…
Read More...
Read More...
लाहिड़ी महाशय: एक योगावतार, जिन्होंने क्रियायोग को जन-जन तक पहुँचाया
“ध्यान में ही अपनी सभी समस्याओं का समाधान ढूँढो। व्यर्थ अनुमान लगाते रहने के बदले ईश्वर से प्रत्यक्ष संपर्क करो।“
-लाहिड़ी महाशय
कभी-कभी कोई आध्यात्मिक महापुरुष हमारे बीच मौन रहकर विचरण करता है, जो संसार की दृष्टि से छुपा रहता है तथापि…
Read More...
Read More...
लाहिरी महाशय : जगाला क्रियायोग देणारे योगावतार
“ध्यानाद्वारे तुमच्या सर्व समस्या सोडवा. निरर्थक कल्पनारंजन सोडून प्रत्यक्ष ईश्वर संपर्क साधा.”
— लाहिरी महाशय
कधीकधी एखादा महान आत्मा शांतपणे आपल्या मध्ये वावरतो — जगाच्या नजरेला न दिसता, पण पुढील पिढ्यांसाठी तेजस्वी मार्ग आखून जातो.…
Read More...
Read More...
जहाँ कृष्ण हैं, वहीं विजय है!
जन्माष्टमी का पर्व, इस धरा पर भगवान् कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, यह प्रतिवर्ष हमें स्मरण कराता है कि हम अपने जीवन तथा अपने समस्त कर्मों को ईश्वर को बार-बार समर्पित करते रहें। भगवान् कृष्ण का यह अमर संदेश हम भगवद्गीता के…
Read More...
Read More...
जिथे भगवान श्रीकृष्ण आहेत, विजय तिथेच आहे!
जन्माष्टमी हा सण, जो भगवान श्रीकृष्णांच्या या भूतलावरील अवतारदिनाची आठवण करून देतो, आपल्याला दरवर्षी आपले जीवन व प्रत्येक कृती भगवंताकडे पुन्हा अर्पण करण्याची प्रेरणा देतो. भगवान श्रीकृष्णांचा अमर संदेश आपल्याला भगवद्गीतेतून प्राप्त होतो:…
Read More...
Read More...
हृदय के पालने में श्रीकृष्ण का जन्म
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते। तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्॥ अर्थात (श्रीकृष्ण कहते हैं) जो भक्त अनन्य भाव से केवल मेरी शरण में रहते हैं और मेरा ध्यान करते हैं, उनके योग (आध्यात्मिक संरक्षण) और क्षेम (भौतिक…
Read More...
Read More...
असीम कृपा के सागर – महावतार बाबाजी
“पूर्व और पश्चिम को कर्म और आध्यात्मिकता से मिलकर बना सुवर्णमध्य मार्ग स्थापित करना होगा। भौतिक विकास में भारत को पाश्चात्य जगत से बहुत कुछ सीखना है और बदले में भारत सभी द्वारा अपनाई जा सकने वाली ऐसी विधियों का ज्ञान दे सकता है, जिनसे…
Read More...
Read More...
महावतार बाबाजी — अनन्तकाल तक प्रेरणा प्रदान करने वाले सन्त
लाहिड़ी महाशय ने कहा है, “जब भी कोई श्रद्धा के साथ बाबाजी का नाम लेता है, उसे तत्क्षण आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त होता है।”
महान् गुरु लाहिड़ी महाशय का यह प्रसिद्ध उद्धरण, जिसका उल्लेख श्री श्री परमहंस योगानन्द ने अपनी पुस्तक ‘योगी कथामृत’…
Read More...
Read More...
Mahavatar Babaji-The Saint who Inspires Eternally
Whenever anyone utters with reverence the name of Babaji,” Lahiri Mahasaya said, “that devotee attracts an instant spiritual blessing.”
This iconic quote from the great guru, Lahiri Mahasaya, reproduced by Paramahansa Yogananda in his…
Read More...
Read More...