“आत्म-संयम के सिंह बनकर संसार में विचरण करो। इंद्रिय-दुर्बलताओं के मेंढकों की लातें खाकर इधर से उधर लुढ़कते मत रहो।“ स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी, एक महान ईश्वर प्राप्त संत, के मार्गदर्शक शब्दों को सँजोकर, उनके आविर्भाव दिवस, 10 मई के शुभ अवसर पर कोटि-कोटि नमन करने की कामना से, आइए उनके जीवन-वृत के बारे में जानकर धन्य होएँ।
